भारत सरकार और आयकर विभाग द्वारा नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाते हैं। इसी क्रम में, 1 अप्रैल 2025 से सेविंग बैंक खातों में कैश जमा करने के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। ये बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने और कर चोरी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
आज के इस लेख में हम इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि आम नागरिकों पर इनका क्या प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप नियमित रूप से बैंकिंग लेनदेन करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
नए नियमों की प्रमुख बातें
नए वित्तीय वर्ष में सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सीमाएँ निर्धारित की गई हैं। सबसे महत्वपूर्ण सीमा यह है कि एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 10 लाख रुपये तक की कैश जमा की अनुमति होगी। यदि आप इस सीमा से अधिक राशि जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होगी।
दैनिक कैश जमा की सीमा 2 लाख रुपये प्रति लेनदेन निर्धारित की गई है। इसका मतलब है कि आप एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि जमा नहीं कर सकते। यह सीमा धारा 269एसटी के अंतर्गत आती है, जो बड़े नकद लेनदेन पर नियंत्रण रखने के लिए बनाई गई है।
50,000 रुपये से अधिक की राशि जमा करने के लिए अब पैन कार्ड की अनिवार्यता भी बढ़ा दी गई है। यदि आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको फॉर्म 60/61 भरना पड़ सकता है।
आयकर विभाग की निगरानी और जुर्माना
आयकर विभाग बड़े नकद लेनदेन पर विशेष निगरानी रखता है। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करते हैं और इसका उचित स्रोत साबित नहीं कर पाते, तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है।
अगर आयकर विभाग को संदेह होता है कि जमा की गई राशि का स्रोत अघोषित आय है, तो इस पर 60% तक का कर और अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है। इसलिए, अपने सभी वित्तीय लेनदेन के लिए उचित दस्तावेज और प्रमाण रखना बेहद जरूरी है।
सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने के फायदे और नुकसान
फायदे
सेविंग अकाउंट में पैसा जमा करना सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है। आपका पैसा बैंक में सुरक्षित रहता है और आपको नियमित ब्याज भी मिलता है। वर्तमान में, अधिकांश बैंक सेविंग अकाउंट पर 3% से 4% तक का ब्याज देते हैं।
पैसे की आवश्यकता होने पर आप किसी भी समय अपने खाते से पैसा निकाल सकते हैं। एटीएम, नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से आप अपने पैसे तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
60 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए सेविंग अकाउंट से मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई कर नहीं लगता, जो एक अतिरिक्त लाभ है।
नुकसान
नए नियमों के लागू होने के बाद, एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि जमा करने पर आयकर विभाग की निगरानी का सामना करना पड़ सकता है।
50,000 रुपये से अधिक की राशि जमा करने के लिए पैन कार्ड या फॉर्म 60/61 की आवश्यकता होगी, जो कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है।
एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि जमा नहीं की जा सकती, जो बड़े लेनदेन के लिए समस्या पैदा कर सकता है।
कैश जमा के लिए आवश्यक दस्तावेज
बैंक में कैश जमा करते समय निम्नलिखित दस्तावेज साथ रखना उचित होगा:
- पैन कार्ड (50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए)
- फॉर्म 60/61 (यदि पैन कार्ड उपलब्ध नहीं है)
- बैंक पासबुक या खाता विवरण
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
यदि आप व्यापार से जुड़े लेनदेन कर रहे हैं, तो अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है जैसे जीएसटी पंजीकरण, बिजनेस पैन कार्ड आदि।
आयकर नोटिस का जवाब कैसे दें?
यदि आपको आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपको बस अपने जमा किए गए धन के स्रोत को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- बैंक खाता विवरण जो धन के स्रोत को दिखाते हों
- निवेश से संबंधित दस्तावेज (यदि पैसा निवेश से प्राप्त हुआ है)
- संपत्ति बिक्री के दस्तावेज (यदि पैसा संपत्ति बेचकर प्राप्त हुआ है)
- विरासत या उपहार से जुड़े दस्तावेज (यदि पैसा इन स्रोतों से प्राप्त हुआ है)
- वेतन स्लिप या आयकर रिटर्न (यदि पैसा आपकी वेतन या व्यापार से प्राप्त आय से है)
यदि आपको इस प्रक्रिया में कोई समस्या आती है, तो किसी अनुभवी कर सलाहकार से परामर्श लेना उचित होगा।
सावधानियां और सुझाव
बड़ी राशि के लेनदेन के लिए डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग करें, जैसे NEFT, RTGS, UPI आदि। इससे न केवल लेनदेन का रिकॉर्ड बना रहेगा, बल्कि आप नकद लेनदेन की सीमाओं से भी बच सकेंगे।
अपने सभी वित्तीय लेनदेन का उचित रिकॉर्ड रखें। बिल, रसीद, बैंक स्टेटमेंट आदि को संभालकर रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आप अपनी आय के स्रोत को साबित कर सकें।
यदि आपको बड़ी राशि प्राप्त होती है, जैसे संपत्ति बिक्री से या विरासत में, तो इसे तुरंत बैंक में जमा करें और संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित रखें।
समय-समय पर अपने कर सलाहकार से परामर्श लें और अपने आयकर रिटर्न को समय पर और सही तरीके से भरें।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने के नए नियम आम नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य कर चोरी को रोकना और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लाना है।
इन नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 10 लाख रुपये तक की कैश जमा की अनुमति होगी, एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन नहीं किया जा सकेगा, और 50,000 रुपये से अधिक की राशि जमा करने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होगी।
अपने वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए इन नियमों का पालन करना आवश्यक है। अपने सभी लेनदेन का उचित रिकॉर्ड रखें और जब भी संभव हो, डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग करें।
यदि आप इन नियमों के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं या आपके कोई विशेष प्रश्न हैं, तो अपने बैंक या कर सलाहकार से परामर्श करना उचित होगा।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। वास्तविक नियमों और उनके प्रभावों को समझने के लिए कृपया अपने बैंक या कर सलाहकार से परामर्श करें।