छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डिजिटल युग में कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में किसानों के लिए ‘फार्मर आईडी’ या ‘किसान कार्ड’ की शुरुआत की गई है। यह पहल छत्तीसगढ़ कृषि विभाग द्वारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत लागू की गई है, जिसके तहत अब किसानों का पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है।
यह फार्मर आईडी किसानों के लिए एक यूनिक पहचान के रूप में कार्य करेगी, जिससे वे सरकारी योजनाओं और अनुदानों का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य का हर किसान सरकारी सुविधाओं से जुड़ सके और उसे बिचौलियों के बिना सीधे लाभ मिल सके।
बलौदाबाजार में फार्मर आईडी पंजीयन की स्थिति
बलौदाबाजार जिले में फार्मर आईडी कार्यक्रम ने अच्छी गति पकड़ी है। जिले में अब तक कुल 1 लाख 30 हजार पंजीकृत किसानों में से 76 हजार किसानों का पंजीयन पूरा हो चुका है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लगभग 58 प्रतिशत किसान इस डिजिटल पहल से जुड़ चुके हैं। प्रशासन का लक्ष्य शत-प्रतिशत किसानों को इस योजना से जोड़ना है, जिससे कोई भी किसान सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।
बलौदाबाजार के कलेक्टर दीपक सोनी ने इस संबंध में कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले का हर किसान सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से जुड़ सके। किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए हमने ग्राम पंचायतों, सीएससी केंद्रों और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में विशेष पंजीयन शिविरों का आयोजन किया है।”
फार्मर आईडी के लाभ और महत्व
फार्मर आईडी किसानों के लिए एक डिजिटल पहचान पत्र है, जो आधार से लिंक होता है। यह कार्ड किसानों को कई तरह के फायदे प्रदान करेगा:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत सीधे बैंक खाते में 6,000 रुपये की वार्षिक सहायता राशि
- किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के लिए आसान आवेदन प्रक्रिया और कम ब्याज दरों पर कृषि ऋण की सुविधा
- फसल बीमा योजना के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं में हुए नुकसान की भरपाई
- खाद-बीज पर सरकारी सब्सिडी का सीधा लाभ
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं के तहत बिना बिचौलियों के सीधे खाते में राशि हस्तांतरण
इसके अतिरिक्त, किसान अपनी आईडी का उपयोग ऑनलाइन पोर्टल पर लॉग इन करके विभिन्न योजनाओं की स्थिति जानने और नए आवेदन करने के लिए भी कर सकते हैं। यह प्रणाली सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को कम करने में भी मददगार साबित होगी।
किसान कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज
फार्मर आईडी के लिए पंजीकरण करवाने हेतु किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज लेकर जाना होगा:
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- जमीन से संबंधित दस्तावेज (B1, P-II)
इन दस्तावेजों के साथ किसान अपने नजदीकी पंजीयन केंद्र पर जाकर फार्मर आईडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किसानों की प्रतिक्रिया
इस पहल पर किसानों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। किसान संगठन के नेता नवीन वर्मा ने कहा, “यह निश्चित रूप से एक अच्छी पहल है, लेकिन पंजीयन प्रक्रिया को और सरल बनाने की आवश्यकता है। कई किसानों को अभी भी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
वहीं किसान संतोष ध्रुव का कहना है, “पहले हमें फार्मर आईडी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन अब हमें इसका महत्व समझ में आ रहा है। हम भी जल्द से जल्द अपना पंजीयन कराएंगे, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।”
पंजीयन कहां और कैसे करवाएं?
किसान अपना फार्मर आईडी पंजीयन निम्नलिखित स्थानों पर करवा सकते हैं:
- लोक सेवा केंद्र (CSC)
- ग्राम पंचायत
- प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति (PACS)
- कृषि विभाग द्वारा आयोजित विशेष शिविर
पंजीयन प्रक्रिया बहुत सरल है:
- किसान को अपने नजदीकी केंद्र में जाकर आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद फार्मर आईडी नंबर जारी किया जाएगा
- किसान अपनी फार्मर आईडी एसएमएस के माध्यम से या प्रिंटेड फॉर्म में प्राप्त कर सकते हैं
CSC केंद्र संचालक परमेश्वर जायसवाल ने बताया, “हम किसानों की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि हर किसान को उसका कार्ड जल्द से जल्द मिले और वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।”
प्रशासन की अपील
बलौदाबाजार के कलेक्टर दीपक सोनी ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना पंजीयन करवाएं। उन्होंने कहा, “हम जिले के 100% किसानों को पंजीकृत करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यदि कोई किसान अभी तक पंजीयन से वंचित है, तो वे शीघ्र अपने नजदीकी केंद्र में जाकर पंजीयन कराएं। सरकार की हर योजना का लाभ लेने के लिए यह अनिवार्य है।”
कलेक्टर ने यह भी बताया कि कृषि विभाग और राजस्व विभाग मिलकर इस कार्य को सफल बनाने में जुटे हैं। जिले के पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और CSC संचालक किसानों को पंजीयन प्रक्रिया में हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इस प्रकार, फार्मर आईडी छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें डिजिटल युग में सशक्त बनाएगा और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उन तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा। यह पहल न केवल किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और कुशलता भी लाएगी।