भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। इस नई योजना के तहत, पात्र राशन कार्ड धारकों को न केवल मुफ्त राशन मिलेगा, बल्कि उन्हें हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। यह योजना 1 जनवरी 2025 से लागू होगी और इसका उद्देश्य देश भर के लगभग 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा और वित्तीय मदद पहुंचाना है।
इस कदम से सरकार का स्पष्ट संकेत है कि वह गरीबी उन्मूलन और आर्थिक असमानता को कम करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुफ्त राशन के साथ-साथ नकद सहायता मिलने से गरीब परिवारों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।
योजना का विस्तृत विवरण
“फ्री राशन और नकद सहायता योजना 2025” नाम से शुरू की जा रही इस पहल को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत लागू किया जाएगा। योजना की अवधि 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2028 तक निर्धारित की गई है, जिसके लिए सरकार लगभग ₹11.8 लाख करोड़ खर्च करेगी।
इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक पात्र व्यक्ति को हर महीने 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा। साथ ही, हर परिवार के बैंक खाते में ₹1000 प्रति माह सीधे जमा किए जाएंगे। इससे न केवल गरीब परिवारों की पोषण संबंधी जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि उन्हें नियमित आय भी मिलेगी, जिससे वे अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी खर्चों को पूरा कर सकेंगे।
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। सबसे पहले, लाभार्थी का नाम राज्य सरकार की आधिकारिक राशन कार्ड सूची में होना आवश्यक है। इसके अलावा, परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹2 लाख और शहरी क्षेत्रों में ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण शर्तें यह हैं कि परिवार के पास चार पहिया वाहन या ट्रैक्टर नहीं होना चाहिए। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में 100 वर्ग मीटर से अधिक और ग्रामीण क्षेत्रों में 200 वर्ग मीटर से अधिक का आवासीय प्लॉट न हो।
राशन वितरण प्रणाली में परिवर्तन
नई योजना के तहत, राशन वितरण प्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सामान्य राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल प्रति माह मिलेगा, जिससे कुल 5 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह खाद्यान्न सुनिश्चित होगा।
अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के लिए यह मात्रा और अधिक है। उन्हें प्रति परिवार 17 किलो गेहूं और 18 किलो चावल प्रति माह मिलेगा, जिससे कुल 35 किलो प्रति परिवार प्रति माह की खाद्य सुरक्षा मिलेगी।
e-KYC की अनिवार्यता
योजना का लाभ उठाने के लिए सभी राशन कार्ड धारकों को e-KYC कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए आधार कार्ड और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि e-KYC न कराने वाले व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए जाएंगे। इसलिए, सभी पात्र लाभार्थियों को 31 दिसंबर 2024 तक अपनी e-KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
डिजिटल राशन कार्ड प्रणाली
राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने डिजिटल राशन कार्ड सिस्टम शुरू किया है। अब भौतिक राशन कार्ड की जगह डिजिटल राशन कार्ड जारी किए जाएंगे, जिन्हें “मेरा राशन 2.0” ऐप के माध्यम से उपयोग किया जा सकेगा।
इस नई व्यवस्था के साथ, ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ सुविधा भी मिलेगी, जिससे लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे। यह प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगा।
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है। इच्छुक व्यक्ति अपने नजदीकी राशन की दुकान या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेज साथ ले जाने होंगे।
आवेदन जमा होने के बाद, अधिकारियों द्वारा उसकी जांच की जाएगी और पात्रता सुनिश्चित होने पर नया डिजिटल राशन कार्ड जारी किया जाएगा।
योजना का प्रभाव और चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से कई क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नियमित आय से गरीब परिवारों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी और मुफ्त राशन से कुपोषण की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इससे बच्चों की शिक्षा और परिवार के स्वास्थ्य पर खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी। अतिरिक्त आय से कई लोग छोटे व्यवसाय शुरू कर सकेंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
हालांकि, इस योजना को लागू करने में कई चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ है, जिसे कर संग्रह बढ़ाकर संतुलित करना होगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि लाभ सही लोगों तक पहुंचे, जिसके लिए सख्त निगरानी और नियमित ऑडिट की आवश्यकता होगी।
डिजिटल सिस्टम को पूरी तरह से लागू करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की भी जरूरत होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी एक अन्य बड़ी चुनौती है, जिसे दूर करने के लिए सरकार विशेष प्रचार अभियान चलाएगी।
भारत सरकार की यह नई पहल गरीबी उन्मूलन और आर्थिक असमानता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुफ्त राशन के साथ-साथ प्रति माह ₹1000 की आर्थिक सहायता से गरीब परिवारों को न केवल खाद्य सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। हालांकि, इस योजना की सफलता इसके प्रभावी क्रियान्वयन और नियमित निगरानी पर निर्भर करेगी।
पात्र लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे 31 दिसंबर 2024 तक अपनी e-KYC प्रक्रिया अवश्य पूरी कर लें, ताकि वे 1 जनवरी 2025 से शुरू होने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठा सकें।